मैं क्या बातलाऊं माँ ऐसा क्या है जो तुझे सिखाऊं माँ मैं क्या बातलाऊं माँ ऐसा क्या है जो तुझे सिखाऊं माँ
तो कह दो अपने मन से "मेरी मस्ती ही मेरी अमिरी है'' तो कह दो अपने मन से "मेरी मस्ती ही मेरी अमिरी है''
इस जहाँ में बस, तू वफ़ा की मूरत है ! ख़ुश'नसीब हैं वो जो तेरा प्यार पाते हैं ! इस जहाँ में बस, तू वफ़ा की मूरत है ! ख़ुश'नसीब हैं वो जो तेरा प्यार पाते हैं !
दीप खुशियों के घर में सदा जगमगाएँ दीप खुशियों के घर में सदा जगमगाएँ
चिराग...। चिराग...।
एक फीकी दीवाली की कहानी एक फीकी दीवाली की कहानी